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पत्रकारों के लिए भी बने निर्वाचन क्षेत्र, शिक्षक एमएलसी की तरह हो चुनाव: अनुराग सारथी


रिपोर्ट: ख़ालिद मंसूरी / हाशिम मलिक

पत्रकारों के लिए भी बने निर्वाचन क्षेत्र, शिक्षक एमएलसी की तरह हो चुनाव: अनुराग सारथी

उत्तर प्रदेश में 5000 से अधिक पत्रकारों ने ऐप्जा की सदस्यता ली, संगठन का प्रभाव बढ़ा

लखनऊ। पत्रकारों के हक और अधिकारों के लिए संघर्षरत ऑल इंडियन प्रेस जर्नलिस्ट एसोसिएशन (ऐप्जा) के चीफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सारथी ने पत्रकारों के लिए एक अलग निर्वाचन क्षेत्र की मांग उठाई है। उनका कहना है कि जैसे स्नातक और शिक्षक एमएलसी के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र होते हैं, वैसे ही पत्रकारों को भी अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार मिलना चाहिए।

अनुराग सारथी, जिन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन को दरकिनार कर पत्रकारों को संगठित करने का बीड़ा उठाया है, प्रदेशभर में लगातार सक्रिय हैं। अब तक उत्तर प्रदेश में 5000 से अधिक पत्रकार ऐप्जा की सदस्यता ले चुके हैं। शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, हरदोई और सीतापुर जैसे जनपदों में करीब 2000 पत्रकार संगठन से जुड़े हैं।

संगठन की बड़ी उपलब्धियां
अनुराग सारथी ने बताया कि ऐप्जा पत्रकारों के हितों के लिए लगातार संघर्षरत है। लखीमपुर खीरी किसान आंदोलन के दौरान एक पत्रकार की मौत पर 50 लाख रुपये के मुआवजे का मामला इसका एक उदाहरण है। सारथी के कड़े संघर्ष के कारण ही यह मुआवजा दिलवाया जा सका। इसके अलावा, उन्होंने कई मामलों में सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल जैसे कदम उठाए हैं।

पूरनपुर, गोला और मिश्रिख के मामलों में भी सारथी ने पत्रकारों के लिए 6-6 घंटे तक स्टेट हाईवे जाम कराया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसी भी जिले में जरूरत पड़ने पर हजारों पत्रकार एकत्रित हो सकते हैं।

देशभर में पत्रकारों को जोड़ने की मुहिम
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र मिश्रा और चीफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सारथी ने पत्रकारों को एकजुट करने के लिए देशभर में अभियान चलाया है। उनकी मांग है कि पत्रकारों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संसद में आवाज उठाने के लिए एक प्रतिनिधि होना चाहिए।

अनुराग सारथी ने कहा, “नेता मंचों से पत्रकारों को चौथा स्तंभ कहते हैं, लेकिन उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संसद में कोई खड़ा नहीं होता। पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज होते हैं और उनकी हत्याएं होती हैं, लेकिन न्याय नहीं मिलता।”

चुनाव प्रणाली में बदलाव की मांग
सारथी का कहना है कि पत्रकारों के लिए भी स्नातक और शिक्षक एमएलसी की तर्ज पर अलग निर्वाचन क्षेत्र होना चाहिए। इससे पत्रकार अपना नेता चुन सकेंगे, जो संसद में उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ेगा।

ऐप्जा की सदस्यता बढ़ रही है
शाहजहांपुर में पिछले एक महीने में चार बार सारथी का दौरा हो चुका है। यहां ब्लॉक और तहसील स्तर पर लगभग 240 पत्रकार संगठन की सदस्यता ले चुके हैं। संगठन का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है, और यह प्रदेशभर के पत्रकारों को एकजुट कर रहा है।

सारथी का संदेश
अनुराग सारथी ने प्रदेश और देश के सभी पत्रकारों से ऐप्जा की सदस्यता लेने और इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “जब तक पत्रकार संगठित नहीं होंगे, उनके अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ी जा सकेगी।”

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